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हिंदुस्तान Vs इंडिया

Main Aur Meri Tanhai
Main Aur Meri Tanhai
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एक दिन की बात है, मैंने पुरे दिन में कम से कम 1000  रुपये का घपला किया, मैं खुश था क्युकी एक आम आदमी के लिए ये भी बहुत था……..मैं शाम को अपने कमरे पे आया,,,अपने सारे काम किये और सो गया…….

रात को २ बजे के करीब मुझे ऐसा लगा की मेरे सिराहने पे कोई खड़ा है,,,मैंने आँखे खोल के देखा तो एक काले कपडे पहने एक अजीब सा पुरुष ….वो मुझे अपने साथ ले जाना चाहता था,,,मेरे लाख मना करने पे भी वो नहीं माना……

मैंने उसके साथ चलना ही बेहतर समझा…मगर जब मैंने पलट के देखा तो मेरी आँखे खुली की खुली रह गयी…….मैं तो अभी भी बिस्तर पे था, अगर वो मैं हूँ तो ये कौन है जो इस इंसान के साथ जा रहा है ……अब मैंने पूछ ही लिया आप कौन हूँ,,,जवाब मिला यमदूत………………

मैं : मेरा गुनाह क्या है ? यमदूत : तुम दिन भर पाप पे पाप कर रहे हो, आखिर कब तक तुम्हे माफ़ करे ?

मैं: आज मैंने कौन सा पाप किया ? यमदूत: भूल गया, आज ही तो तुने 1000  रुपये का घपला किया है …..

मैं: हे प्रभु,,,जो इतने घपले कर रहे है उन्हें तो आप कुछ नहीं कहते, आप भी एक आम आदमी को ही परेशान करोगे,, ये कहाँ की इंसाफी ?? यमदूत: सुन नादान, जो बड़े बड़े घपले कर रहे है, वो हमसे बड़े देवो को इतना चढ़ावा चढाते है, की कोई कुछ करना ही नहीं चाहता, और एक तुम आम आदमी हो जो आज तक ढाई रुपए से आगे नहीं गया,,,,वो भी तब जो कोई पास हो या किसी का जनम दिवस हो……..हमे ऊपर से आर्डर आते है, हम तो अपना काम करते है………..

कुछ देर की शांति के बाद यमदूत ने कहा: आखिर तुम इंसानों ने क्या किया है, आज तक विनाश के अलवा,,,मेरा बस चले तो सबके प्राण हर लूं …………..

मुझमे थोडा ताव आ गया….मैंने कहा: हमने इंडिया के विकास में बहुत योगदान किया है …. यमदूत: वो तो दिख ही रहा है, तभी तो सुंदर हिंदुस्तान, भीड़ और शोर युक्त, दूर दूर तक हरयाली से वंचित, नारी सम्मान को भूलने वाला इंडिया बन चूका है ………..इसे ही कहते हो विकास …..

तुम्हारे इंडिया में सब एक दुसरे की जेब काट रहे है, अपने अपने तरीके से,,,,जबकि हमारे बनाये हिंदुस्तान में सब मिल जुल के रहते थे ,,,,,,

हिंदुस्तान में माँ-बाप की सेवा करने वाला श्रवण कुमार रहता था, मगर तुम्हारे इंडिया में तो माँ बाप को घर से निकालने वाले श्रवण रहते है…….इसे ही कहते हो विकास …..

इसे ही कहते हो विकास …. ………………तुम्हारा चरित्र तो सड़क और गलियों की दीवारों पे दिख जाता है….मुझे कोई बहाना नहीं सुनना ….चलो मेरे साथ, क्युकी तुम्हारी तो और भी बहुत सारी  कमिया है, मैं कब तक गिनवाऊंगा…………………

मैंने एक मोका माँगा ताकि मैं इंडिया को फिर से हिंदुस्तान बनाने में कुछ कर सकू,,,मगर यमदूत नहीं माना …..और वो मुझे घसीटने लगा….

क्या सच में हम विकास कर रहे है या .???????

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