Main Aur Meri Tanhai
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एक दिन मैंने सोचा चलो लोटरी खेली जाये..
.एक दिन में हम भी बन जाये करोड़पति…
.क्या रोज़ रोज़ की ऑफिस की झंझट….,
.फिर तो अपना ही ऑफिस होगा…
.ये सोच कर मैंने एक लोटरी का टिकट ख़रीदा…
.एक हफ्ते बाद थी इनाम की घोषणा…
.अब तो एक एक मिनट घंटे के समान,,,,,
.और एक हफ्ता एक साल के समान….
.एक हफ्ते बाद जब लोटरी का इनाम निकला…
.प्रथम इनाम तो अपना ही निकला…..
.मैं तो ख़ुशी से नाचने लगा , ….
.फुदकने लगा, ,,,
.मेरी ख़ुशी का न था कोई ठिकाना….
.जब खाट से गिरा तब आँख खुली, …
.और देखा ये तो मेरा सपना था ,,,,,
.और मेरा सपना ऐसे टुटा, जैसे भुना हुआ पापड़ टुटा…..
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