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पेटू कही का

Main Aur Meri Tanhai
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कोई ज्यादा सोता है, कोई कम  खाता है,,,,तो कोई बहुत बोलता है ………..ऐसे ही किसी किसी की आदत ज्यादा खाने की होती है,,,ऐसे लोगो को अक्सर लोग पेटू कहते है …………वैसे कई लोग इसे बीमारी भी समझते है,,, मगर खाने वालो को कौन समझाए, खाने वालो को तो खाने का बहाना चाइये …..जब चारो तरफ खाना हो, वो भी लाजवाब खाना तो जीभ में पानी आ जाता है …..वैसे इस पेट को भरने के लिए खाना बहुत जरुरी है ,,,मगर एक सीमा में ,,,,,,,,,विषय से न भटकते हुवे आगे बढ़ते है ….

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किसी महान इंसान ने कहा कि अगर हम एक दिन उपवास रखे, तो कई गरीबो के लिए अनाज बच सकता है…मगर जो पेटू होते है वो इस बात पे ध्यान नही देते …….वो तो कहते है ” अगर सब उपवास रखे तो मेरा एक टाइम का भोजन बढ़ सकता है ……….

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एक बार की बात है,  मेरी मुलाकात एक पेटू से हो गयी,,,,,जब मैं उनसे मिलने उनके घर गया तो उनकी मेज तरह तरह के व्यंजनों से भरी हुयी थी …..तरह तरह के फल वहाँ रखे हुए थे, चटपटी चाट ….. साथ में मीठे पकवान ………उन्हें देख के तो मेरे मुह में पानी आ गया ….मगर मैंने अपनी जीभ पे लगाम लगाई ,,,,और पेटू लोगो के बारे में जो मिथ्या है, उसकी सच्चाई जाने  के लिए मैंने उनसे बात शुरू की…नाम, फिर घर परिवार और छोटी मोटी जानकारी के बाद ,,मैं उनके भोजन की तरफ बढ़ने लगा …

.मेरा पेटू जी से पहला सवाल : आप लोगो के लिए बहुत प्रसिद्ध है कि आपको जितना खिलाया जाये, वो कम ? ऐसा क्यों ……????

जवाब : जब मैं छोटा था, तो मेरे पापा कहते थे बेटा कभी अनाज बर्बाद मत करना, मैं जो ये नौकरी करता हु वो सब इसके लिए ही करता हूँ….अनाज को बर्बाद करना पाप होता है,,,,माँ ने कहा बेटा जो अनाज का अपमान करता है वो भगवान का अनादर करता है……अगर कभी खाना नहीं खाया जाता तो ज़बरदस्ती खिलाया जाता है,,,,,,,,जैसे जैसे बड़ा हुआ समझ में आता गया ” हां सारा चक्कर इस खाने का ही तो है”……..और अब मैं कभी खाने को बर्बाद नही होने देता ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,बाकियों का मुझे नहीं पता ……..

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दूसरा प्रश्न : आपको सबसे बुरा क्या लगता है, इस समाज में ??

.मैंने उनकी बात बीच में ही काटते हुए अगला प्रश्न कर दिया : ऐसे तो आप बीमार पढ़ सकते है ?

जवाब: चलो इस बहाने किसी का तो भला होगा !!!

मैंने उनकी तरफ देखा, और अचानक मेरे मुह से निकल गया ” किस का भला होगा?” जवाब : रामावतार का….

.मैंने फिर टोका ” ये कौन?” जवाब : हमारे पड़ोस में रहता है, बिचारा बहुत अच्छा डॉक्टर है, मगर बड़ा क्लिनिक नहीं है न उसके पास, इसलिए कोई नहीं जाता वहाँ, मगर मुझे पता है वो अच्छा डॉक्टर है, इसलिए मेरे बीमार होने से कम से कम उसका भला तो हो ही सकता है …….

.मैं कुछ बोलता इसे पहले ही पेटू जी बोले : देखो जी ज्यादा व्यक्तिगत सवाल मत करो,. ..मेरे खाने पे नज़र मत लगाओ,,इस खाने के लिए लोग चोरी करते है, पैसे के पीछे भागते है , जुर्म करते है ,,,और मुझे जब पेट भर से ज्यादा मिल रहा है खाने को तो आप नज़र लगा रहे हो…………..

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मैं कुछ बोलता इसे पहले पेटू जी बोल पड़े: आप होते कौन हो ?…

.मैंने कहा: मैं समाज सुधारक हूँ और एक सर्वे से पता चला है कि आप जैसे कई लोग ऐसे भी है जिनकी वजह से कई गरीबो को खाना, भोजन या अनाज……फिर बीच में पेटू जी बोल पड़े : क्या कहा आपने हमारी वजह से,,, अरे हमारे जैसे लोगो कि वजह से तो उनका जीवन बचा हुवा है ………..

.मैंने कहा : क्या ??????? पेटू जी : हां जी, आज कल जिस तरह महगाई बढ़ रही है, उसमे बिचारा गरीब क्या क्या ले लेगा और अगर ले भी लेगा तो क्या होगा, हर चीज़ में मिलावट ,,बेचारा इतना महंगा अनाज लेगा और उसमे भी उसे मिलावट ,,वो खा के  वो बीमार पड़ेगा, फिर उसके पास अच्छे डॉक्टर के लिए पैसे नहीं होंगे  और वो मर जायेगा ……इसे अच्छा तो ये बीमारियों से भरा खाना मैं खा लूं,,,मेरे पास इलाज के लिए पैसे भी है…………….और वो आगे भी बोलते रहे ……….

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chocolate cakeमैं समझ गया कि अगर अब मैंने कुछ भी पूछा तो ये समाज की कोई न कोई बुराई बता देंगे, पेटू हुए तो क्या हुआ है  तो इसी समाज का हिस्सा ………और मैंने वहाँ से निकलने में ही समझदारी समझी …..

.वैसे एक बात सोचने लायक ये भी है, हम जिसे पेटू कह रहे है, वो हमारे समाज के बारे में कितना सोच रहा है और समाज की भलाई के लिए खुद को मुसीबत में डाल रहा है …… अब तो शयद आप भी पेटू बनने के लिए उतावले हो  रहे होंगे…..और अगर नही हो रहे है तो ये बात हमेशा याद रखना ,,,,,,कि कभी किसी को पेटू  कही का मत कहना ………….

अगर आप हमारे पेटू जी से कुछ पूछना चाहते है तो पूछ सकते है ….

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