Menu
blogid : 8097 postid : 602

तानाशाही मंच

Main Aur Meri Tanhai
Main Aur Meri Tanhai
  • 59 Posts
  • 780 Comments

तानाशाही उस शासन-प्रणाली को कहते हैं जिसमें कोई व्यक्ति (प्रायः सेनाधिकारी) विद्यमान नियमों की अनदेखी करते हुए डंडे के बल से शासन करता है। अक्सर तानाशाही लोगो या शासको में हिटलर, मुअम्मर अल – गद्दाफी, बेनिटो मुसोलिनी आदि का नाम जानते है, जो किसी न किसी कारण अपनी निरंकुशता के लिए जाने जाते है …………..मगर सुनने में कितना अजीब लगता है, जब सुनने में आये की लेखन में भी अब निरंकुशता हावी हो रही है ……चलिए मैं आपको विस्तार से समझता हूँ ,,,,,,,,,,,

.

मुझे जागरण junction से जुड़े हुए कोई पांच- सात महीने हो गए है,, यहाँ मैं जैसा भी लिखता, लोग प्रतिक्रिया देते,  जैसे मुनीश जी ने कमियों से बार बार सामना कराया है तो सरिता जी ने इशारो में अपनी बात मुझे समझायी…खुशवाहा जी ने हर मोड़ पे समर्थन किया तो निशा जी ने तारीफों से मेरे उत्साह को बढाया…………….

.और भी लोग है जैसे मीनू जी, आनंद प्रवीन जी, दीप्ति जी, राजीव जी, महिमा श्री,  दुबे जी, यमुना जी, अक्रक्ताले, दिनेश जी, राजकमल जी, सुरेंदर जी, अलका जी, जवाहर जी, तोसी जी, timsy जी   और उन लोगो से क्षमा चाहता हूँ जिनका नाम नहीं ले सका मगर उन्होंने अपना बेस्किमती वक़्त मुझे दिया…….

.मैं कोई फीडबैक लिखने के मूड में नहीं हूँ, बस मैं तो उन लोगो का जिक्र कर रहा हूँ, जिन्होंने इस मंच पे मुझे प्यार दिया ,,,साथ में इस मंच के प्रमुख कार्यकर्त्ता का धन्यवाद , जिन्होंने कभी किसी तरह की बंदिश नहीं लगाई ………….इस मंच ने मुझे प्यार दिया, जो की हर नए लेखक को या जो लिखने की चाहत रखते है, उन्हें मिलना चाइये………….

.

.एक दिन मुझे इस मंच के एक सदस्य ने किसी अन्य मंच के बारे में बताया, चुकि मैं facebook में भी हूँ, जिसकी वजह से इस मंच के कई सदस्य मेरे साथ facebook में भी जुड़े हुए है …………उस अन्य मंच का नाम खुली पुस्तिका (काल्पनिक नाम ) था ……….नए मंच से जुड़ना  , नयी जगह जाना  और नए  लोगो से मिलना हर किसी को पसंद होता है, तो मैं भी इस उत्सुकता को बरक़रार रखते हुए इस नए मंच पे अपनी एक प्रोफाइल बना ली ………….

.

.इस मंच पे भी जागरण मंच के लगभग सभी सदस्यों को देख के, मुझे अच्छा लगा…….काफी दिनों तक वयस्त रहा, जिस कारण मैं किसी भी मंच के लिए वक़्त नहीं निकल सका…और एक दिन जब मैं फ्री था तो मैं खुली पुस्तिका के लिए वक़्त निकला, मगर उसी दिन मुझे एक घटना की जानकारी मिली, जो कुछ इस प्रकार थी,,,,

.खुली पुस्तिका में किसी व्यक्ति ने एक पोस्ट की, जो की एक लघुकथा थी,,,हमारे एक अनजान मित्र को शायद लघुकथा के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी तो उन्होंने थोडा सा परिहास कर दिया ……..थोड़ी बहस हो गयी,,,,जिसका परिणाम ये हुआ कि उन्होंने परिहास करने वाले युवक कि प्रोफाइल को बंद कर दिया…………

.आपमें से कुछ लोग इस घटना को सही मान रहे होंगे, आखिर किसी का परिहास उड़ाना अच्छी बात नही …… मगर किसी को समझाए बिना उसको दबाना क्या ये सही है ??? किसी कि जानकारी बढाने के बजाये उसे डराना क्या ये सही है ????मगर मैंने इस घटना को नज़र अंदाज़ कर दिया…………

.

.कहते है न जब तक खुद को चोट न लगे दर्द का पता नहीं चलता …………कुछ दिन बीत गए, ये घटना भी पुरानी हो गई…

.एक दिन मैंने अपनी रचना जागरण मंच पे पोस्ट करने की बजाये खुली पुस्तिका में पोस्ट करना चाहा,,,मैं लिख रहा था ,,फिर मैंने सोचा इस बाद में पोस्ट करूँगा और उस रचना को save कर दिया ,,,,,तभी मुझे एक मेल आया ….जो कि खुली पुस्तिका के प्रमुख कार्यकर्त्ता ने भेजा था….उन्होंने लिखा था की आपकी रचना में कई सारी कमिया है, कृप्या इन कमियों को दूर करे, तभी आप इस रचना को पोस्ट कर सकते है ………..

.आप लोगो को ये बात भी सही लगेगी क्युकी जिस रचना में कमी हो, उसको क्या प्रकाशित करना ?…..

.परन्तु मेरे मन में उस वक़्त दुसरे विचार आ रहे थे : ” आखिर यही है Privacy इस मंच की, जिसमे कार्यकर्ता आपके Draft में आके save करे हुए Topic को पढ़ सकता है,,,इस तरह तो आपके आईडिया को कोई भी चुरा के अपनी रचना बना सकता है ,,,,,,तो फिर ऐसे मंच का क्या फायदा ,,,,,,,,,,,???

.मुझे उस वक़्त जागरण मंच की बहुत याद आई क्युकी जागरण मंच में सबका स्वागत है,,यहाँ सबको अपनी बात कहने की आज़ादी है, जहा नए लेखक को भी उतना ही प्यार मिलता है जितना की एक पत्रकार या किसी अच्छे लेखक को मिलता है ,,,,,,,,,

.इतना निरंकुश मंच उफ़…..मैं ये नहीं कह रहा हूँ  कि मेरे लेख क्यों पोस्ट नही हुए,मैं तो बस इतना कहना चाहता हूँ की अगर आप नए लोगो को ऐसे इग्नोर करोगे तो, नए लेखक कहा से आयेंगे,,जब तक आप उनकी कमिया उन्हें नहीं बताओगे तो वो कैसे सुधार करेंगे ,,,,,,,,

.

.Privacy zero,,,,निरंकुश शासक, इन लोगो ने तो मुझे हिटलर की याद दिला दी, जिसने अपने और अपने देश के लिए लाखो लोगो की बलि ले ली, और सबसे बड़ा निरंकुश शासक बन गया, कुछ इसी तरह इन लोगो ने अपने मंच को अच्छे लेख देने के लिए नए लेखको के विचारो पे तालाबंदी कर दी,,

.अगर आपको उनके लेख में कमी नज़र आती है तो उन्हें पोस्ट करे, ताकि अन्य लोग पढ़ के उन कमियों को उजागर करे, जैसा का जागरण मंच पे होता है,,,,,,,या आप खुद उनकी कमिया उन्हें बताये, सही इतना कहने से बात नहीं बनती कि आपके लेख में ये कमी है ….जब आप अन्य लोगो को मंच दे रहे है, तो उन पर इस तरह की पाबन्दी क्यों, हां अगर कोई कुछ अश्लील या गलत बात लिखे तो पाबन्दी होनी चाइये, मगर सीधी और सरल बात पे भी पाबन्दी समझ नहीं आती….????


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published.

    CAPTCHA
    Refresh