- 59 Posts
- 780 Comments
सुबह सुबह आँख खुली तो देखा पडोश वाले वर्मा जी के यहाँ खूब भीड़ जमा थी, हमारे वर्मा जी एक राजनीतिक दल के कार्यकर्त्ता है तो मुझे लगा , हो सकता है कोई पार्टी के मसला होगा,, और उस तरफ ध्यान नही दिया…….मैं कमरे से बाहर आया तो मेरी पत्नी ने बताया : सुनते हो, वर्मा जी बाप बने है,,,
अच्छा ,,
हा…..अरे अब तुम कहा जा रहे हो ….
बधाई तो दे दू वर्मा जी को……….
पहले पूरी बात तो सुन लो,,,,
अरे अब तो आके ही सुनूंगा ……
और मैं जैसे का तैसा वर्मा जी के यहाँ……वहां बड़े बड़े नेता, मंत्री और वर्मा जी के सभी रिश्तेदार ……आखिर आयेंगे भी क्यों नही, वर्मा जी दादा जो बने है…….
तभी वर्मा जी का लड़का बाहर आया, आते ही मैंने उसे बधाई दी ,, उसने मुझे घुर के देखा और बिना कुछ कहे बाहर निकल गया……..
तभी मेरी नज़र भाभी जी (वर्मा जी की पत्नी ) पे गयी, वो एक कमरे से दुसरे कमरे में कहते जा रही थी ” आज तक हमारे खानदान में ऐसा कभी नहीं हुआ …..मैंने सोचा “जरुर जुड़वाँ बच्चे या फिर तीन” ………
तभी उनकी बेटी की आवाज़ आई ” अब मैं कॉलेज कैसे जाउंगी “,,,
हां ये बात भी सही है बेचारी को मेहमानों को भी देखना पड़ेगा ……….मैंने उनकी बेटी को पास बुलाया और समझाया
” बेटी कुछ दिनों की बात है, फिर सब सही हो जायेगा”
अरे अंकल आप नही समझोगे” और वो भी तुनकती हुयी कमरे में चली गयी………..
बेचारी भीड़ देख के घबरा गयी है” मैंने मन ही मन सोचा……….
तभी मैंने वहां बैठे कुछ लोगो की बात सुनी, और कुछ गड़बड़ लगी,,,मैंने अपना शक दूर करने के वास्ते एक सज्जन से पूछ ही लिया कि यहाँ खुशी की जगह अजीब सा वातावरण क्यों है ?
वर्मा जी बाप बन गए है …
हां मुझे पता है तभी तो बधाई देने आया था ..
अरे भाई साहब छोटे वर्मा जी नहीं बड़े वर्मा जी बाप बने है……
मतलब …
उनकी एक और बीवी और बच्चे का पता चला है , इसलिए ऐसा वातावरण है , अब समझे …..
.मुझे वर्मा जी से ये उम्मीद नही थी, मगर पडोसी होने का फ़र्ज़ तो निभाना था,,,
अब मैं भीड़ को चीरता हुआ उस कमरे में पोहच गया, जहाँ वर्मा जी कुछ पत्रकारों के साथ बातचित कर रहे थे …
मैंने बाहर खड़े होके इस मीटिंग के खत्म होने का इंतजार किया,,,,,
और मीटिंग खत्म होते है सीधा वर्मा जी के समक्ष ,,,वर्मा जी ये क्या कर दिया, आप और ऐसे ,,,बड़ा अजीब लगा सुन के …मैं बोलता ही चला गया, मगर वर्मा जी के कान पे जू तक नही रेंगी ,,,परन्तु हर बात की एक हद होती है ,,
” अरे भाई ! आप तबसे बोले जा रहे हो, बस इतना जान लो कि जो है नाम वाला, वही तो बदनाम है”…और मुझे लगा शयद यही सारे लोगो की बातों का जवाब है,,,,,जो काफी हद तक सही भी है, वरना ऐसे कई किस्से अक्सर होते है, मगर कोई ध्यान नही देता,,,और यही सोचते सोचते मेरे मुह से भी निकल गया
“सच में वर्मा जी, जो है नाम वाला, वही तो बदनाम है”
Read Comments