Menu
blogid : 8097 postid : 673

याद आता है दूरदर्शन

Main Aur Meri Tanhai
Main Aur Meri Tanhai
  • 59 Posts
  • 780 Comments

याद है मुझको  अपना बचपन, जब दूरदर्शन का  थामा दामन,

क्या खूब था  मेरा बचपन, सुंदर स्वच्छ और निर्मल बचपन  !!

.

वो इतवार की सुबह,  मोगली के दर्शन , उसके बाद सिंड्रेला  का नंबर,

निराला बल्लू हसाता था, पोटली बाबा की भी तो आता था !!

दादा -दादी  को भी लुभाता था, उनका पसंदीदा सीरियल भी तो आता था ,

रामायण हमको संस्कृति की और ले जाता था, महाभारत  आपस में न बैर करना सिखाता था !!

.

पापा भी बहुत खुशी से देखते थे , आखिर जासूसी सीरियल भी तो आता था,

गाज़र की अहमियत करमचंद बताता था, तहकीकात का गोप्पू बड़ा हसाता था ,

मम्मी  भी  देखा करती थी, कभी हसती कभी रोया करती थी

शांति से जुडा महसूस करती थी, रजनी की सलाह माना करती थी !!

.

मिस्टर योगी शादी के लिए लड़की तलाशा करते  थे , देख भाई देख में चंदा मामा  होते थे ,

फ्लॉप शो के साथ उल्टा पुल्टा भी होता था, जबान सँभालने का भी सिस्टम होता था,

उर्दू का ज्ञान भी मिलता था, मिर्ज़ा ग़ालिब का साथ भी मिल जाता था,

ब्योमकेश bakshi दिमाग चलाता था, रोमांच का समां बंध जाता था !!

.

इतिहास  का भी ज्ञान बढाता था, टीपू सुल्तान और मराठा थे ग्रेट भी तो आता था,

भारत के  खोज की कहानी बताता था, रानी लक्ष्मीबाई भी  आता था ,

बेताल विक्रम को सवाल बताता था, जवाब हमारे मस्तिक में घूमने लग जाता था,

रंगोली- चित्रहार, सदाबहार गीत सुनाता था, मालगुडी डे बचपन को दिखाता था  !!

गुल  गुलशन गुलफाम, कश्मीर की वादियों में ले जाता था,

सुरभि  दुनिया की सैर , अलिफ़ लैला जादुई दुनिया में ले जाता था !!

.

वागले की दुनिया में अपना नुक्कड़  नज़र आता था, मंगेरी लाल के सपनो की बुनियाद कोई रख जाता था ,

शक्तिमान मनोरंजन के साथ, ज्ञान की बातें बताता था, संघर्ष  से भरा उड़ान भी तो आता था,

काका जी का पान चाणक्य निति सिखाता था , ये जो है जिंदगी में हम लोगो का स्वाभिमान  नज़र  आता था

जब पूरा परिवार मिलकर देखा करता था, नीम का पेड ओर Circus भी नज़र आता था,

चैनलों को भीड़ में खो गया दूरदर्शन, याद आते  है बचपन के दिन, वो मेरा बचपन वो दूरदर्शन !!Collage2

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published.

    CAPTCHA
    Refresh