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उसके बाद मैं अपने कार्यालय के लिये चल पड़ा, मगर आज मन बेचैन था, आखिर गरीब की भूखपर कोई कहानी कैसे लिखी जाये…सोचते सोचते कब मैं अपनी मंजिल तक आ पंहुचा, मुझे पता नहीं चला … कार्यालय में भी मन नहीं लग रहा था, आखिर सवाल ही ऐसा था, जो मन के साथ साथ दिमाग से भी खेल रहा था…
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मैंने कार्यालय में बीमार होने की बात कह, निकल पड़ा गरीबो की खोज में ….. मैंने तलाश शुरू की, नॉएडा के छोटे छोटे गावों से, कस्बो से .. मगर ये क्या ? यहाँ भी सब अमीर है, यहाँ भी कोई गरीब नहीं….
तभी मेरे सामने से एक छोटा बच्चा दौड़ता हुआ आ रहा था , उम्र यही कोई ७-८ साल, सलमान का दीवाना लग रहा था, लोग ६ पैक के लिये जिम जाते है, और मुझे उसके शरीर पर ८ से ज्यादा पैक दिख रहे थे…
मैंने उसे आवाज़ देकर रोका और पूछा “बेटा यहाँ सबसे गरीब इंसान कौन है ? मैं सुबह से भटक रहा हूँ, कोई गरीब ही नहीं दिखाई दे रहा है, क्या दुनिया से गरीबी जा चुकी है या मैं पागलपन के शुरुवाती दौर में कदम रख रहा हूँ ”
बच्चा मेरी बात काटते हुये बोला “ये तो हमारे भगवान की कृपा है, उनकी वजह से अब कोई गरीब नहीं है, सब अमीर है .” मैंने गुस्साते हुये पूछा “ऐसा कौन सा भगवान आ गया है, जिसने गरीबी को दूर कर दिया, बता लड़के ??” वो भागते हुये गया और एक तस्वीर लेकर आया, किसी नेता की थी, और बोला ” यही है हमारे भगवान, जिन्होंने २१ रुपये कमाने वाले को भी अमीरों का दर्ज़ा दे दिया है, अब हम सब अमीर है | खाने के लिये चार दिन से कुछ नहीं मिला, मगर हम अमीर है | कपडे नहीं है शरीर पर, फिर भी हम अमीर है | वो छोडो अंकल, अब तो हम किसी से भीख भी नहीं मांग सकते, आखिर हम भी अमीर जो ठहरे ”
मैं बच्चे को देखता ही रह गया और वो नजरो के आगे से भागता हुआ निकल गया … मैं भी अब गरीबो की तलाश या उनकी भूख को रास्ते में ही छोड, घर आ गया …
२–४ चाय की चुस्की ली और मन ही मन सोचा जब गरीब ही नहीं रहे तो गरीब की भूख … आज का विषय ही बकवास है ……..
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